Kitni Namurad Hai Ye Rasm Dahej Bhi
माँ-बाप का घर बिका तो बेटी का घर बसा… कितनी नामुराद है ये रस्म दहेज़ भी…!!
माँ-बाप का घर बिका तो बेटी का घर बसा… कितनी नामुराद है ये रस्म दहेज़ भी…!!
मैंने माँ के कंधे पर सर रखकर पूछा : माँ कब तक मुझे अपने कंधो पर सोने दोगी? माँ ने कहा : जब तक लोग मुझे अपने कंधो पर न उठा ले तब तक बेटा…
बना दो वज़ीर मुझे भी इश्क़ की दुनिया का दोस्तों, वादा है मेरा हर बेवफा को सजा ऐ मौत दूंगा…!!!
चली जाने दो उसे किसी और कि बाहों मे, इतनी चाहत के बाद भी जो मेरी ना हुई, वो किसी और की क्या होगी…