Bataoo Meri Chhatari Kab Wapis Karoge
जब बारिश होती है, तुम याद आते हो, जब काली घटा छाए, तुम याद आते हो, जब भीगते है तुम याद आते हो, बताओ मेरी छतरी कब वापिस करोगे…!
जब बारिश होती है, तुम याद आते हो, जब काली घटा छाए, तुम याद आते हो, जब भीगते है तुम याद आते हो, बताओ मेरी छतरी कब वापिस करोगे…!
बादलों को आता देख के मुस्कुरा लिया होगा, कुछ न कुछ मस्ती में गुनगुना लिया होगा, ऊपर वाले का शुक्र अदा किया बारिश के होने से, के इस बहाने तुमने नहा लिया होगा…
बारिश के पानी को अपने हाथों में समेट लो, जितना आप समेट पाये उतना आप हमें चाहते है, और जितना न समेट पाए उतना हम आप को चाहते है…
मैंने उस से पुछा क्या धुप मे बारिश होती है, ये सुन कर वो हँसने लगी, और हँसते हँसते रोने लगी, फिर धुप में बारिश होने लगी…