Manzil Mile Unhein Yeh Chahat Thi Meri

वह नदियाँ नही आँसु थे मेरे,
जिनपर वह कश्ती चलाते रहे,
मंजिल मिले उन्हें यह चाहत थी मेरी,
इसलिए हम आँसु बहाते रहे…

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