कहा से लाऊ हुनर उसको मनाने का,
कोई जवाब नहीं था उसके रूठ जाने का,
मोहब्बत में सजा मुझे ही मिलनी थी,
क्यों की जुर्म मैंने किया हे उससे दिल लगाने का…
कहा से लाऊ हुनर उसको मनाने का,
कोई जवाब नहीं था उसके रूठ जाने का,
मोहब्बत में सजा मुझे ही मिलनी थी,
क्यों की जुर्म मैंने किया हे उससे दिल लगाने का…