मैं तो चिराग हूँ
तेरे आशियाने का,
कभी ना कभी तो
बुझ जाऊंगा..
आज शिकायत हैं तुझे
मेरे उजाले से,
कल अँधेरे में
बहुत याद आऊंगा!!
मैं तो चिराग हूँ
तेरे आशियाने का,
कभी ना कभी तो
बुझ जाऊंगा..
आज शिकायत हैं तुझे
मेरे उजाले से,
कल अँधेरे में
बहुत याद आऊंगा!!