माफ़ी करना किसी कैदी को आज़ाद करने की तरह है.
और आपको ये एहसास होगा की वो कैदी आप ही है.
क्षमा, प्रेम का अंतिम रूप है…
क्षमा के बिना कोई प्रेम नहीं है, और प्रेम के बिना कोई क्षमा नहीं.
माफ़ी करना किसी कैदी को आज़ाद करने की तरह है.
और आपको ये एहसास होगा की वो कैदी आप ही है.
क्षमा, प्रेम का अंतिम रूप है…
क्षमा के बिना कोई प्रेम नहीं है, और प्रेम के बिना कोई क्षमा नहीं.