मिली थी जिंदगी,
किसी के काम आने के लिए..
पर वक्त बित रहा है,
कागज के टुकड़े कमाने के लिए..
क्या करोगे इतना पैसा कमा कर..?
ना कफन में ‘जेब’ है ना कब्र में ‘अलमारी’,
और ये मौत के फ़रिश्ते तो,
रिश्वत भी नहीं लेते…
मिली थी जिंदगी,
किसी के काम आने के लिए..
पर वक्त बित रहा है,
कागज के टुकड़े कमाने के लिए..
क्या करोगे इतना पैसा कमा कर..?
ना कफन में ‘जेब’ है ना कब्र में ‘अलमारी’,
और ये मौत के फ़रिश्ते तो,
रिश्वत भी नहीं लेते…