ख्वाब टुटकर बिखरे तो हक़ीक़त समझो,
कोई अपना रूठे तो मोहब्ब्त समझो,
दूर रेह्कर जो याद आये उसे चाहत समझो,
जिसे चाहो वो मिल जाये तो किस्मत समझो…
ख्वाब टुटकर बिखरे तो हक़ीक़त समझो,
कोई अपना रूठे तो मोहब्ब्त समझो,
दूर रेह्कर जो याद आये उसे चाहत समझो,
जिसे चाहो वो मिल जाये तो किस्मत समझो…