कभी मिल सको तो बेवजाह मिलना.
वजह से मिलने वाले तो ना जाने हर रोज़ कितने मिलते है.
“कदर और इज़्ज़त करनी है, तो जीते जी करो,
क्योंकि अरथी उठाते वक़्त तो नफरत करने वाले भी रो पड़ते है ।
कभी मिल सको तो बेवजाह मिलना.
वजह से मिलने वाले तो ना जाने हर रोज़ कितने मिलते है.
“कदर और इज़्ज़त करनी है, तो जीते जी करो,
क्योंकि अरथी उठाते वक़्त तो नफरत करने वाले भी रो पड़ते है ।