झ़ुठा अपनापन तो हर कोई जताता है,
वो अपना ही क्या जो हरपल सताता है,
यकीन न करना हर किसी पे,
क्यू की करीब है कितना कोई ये तो वक़्त ही बताता है…
झ़ुठा अपनापन तो हर कोई जताता है,
वो अपना ही क्या जो हरपल सताता है,
यकीन न करना हर किसी पे,
क्यू की करीब है कितना कोई ये तो वक़्त ही बताता है…