आँसुओं तले मेरे सारे अरमान बह गए,
जिनसे उम्मीद लगाए बैठे थे वही बेवफा हो गए,
थी हमारी जिन चिरागों से उजाले की चाह,
वो चिराग न जाने किन अंधेरों में खो गए…
आँसुओं तले मेरे सारे अरमान बह गए,
जिनसे उम्मीद लगाए बैठे थे वही बेवफा हो गए,
थी हमारी जिन चिरागों से उजाले की चाह,
वो चिराग न जाने किन अंधेरों में खो गए…