जब मुझसे मोहब्बत ही नहीं तो रोकते क्यों हो,
तन्हाई में मेरे बारे में सोचते क्यों हो,
जब मंजिले ही जुदा है तो जाने दो मुझे,
लौट के कब आओगे ये पूछते क्यों हो?
जब मुझसे मोहब्बत ही नहीं तो रोकते क्यों हो,
तन्हाई में मेरे बारे में सोचते क्यों हो,
जब मंजिले ही जुदा है तो जाने दो मुझे,
लौट के कब आओगे ये पूछते क्यों हो?