अब इंतेजार एक आदत सी हो गयी है,
खामोशी से एक अजब सी चाहत सी हो गयी है,
ना शिकवा ना शिकायत करने की जरुरत है,
क्योंकी इस तन्हाई से मोहब्बत सी हो गयी है…
अब इंतेजार एक आदत सी हो गयी है,
खामोशी से एक अजब सी चाहत सी हो गयी है,
ना शिकवा ना शिकायत करने की जरुरत है,
क्योंकी इस तन्हाई से मोहब्बत सी हो गयी है…