हज़ारो फूल चाहिए,
एक माला बनाने के लिए..
हज़ारो दीपक चाहिए,
एक आरती सजाने के लिए..
हज़ारो बून्द चाहिए,
समुद्र बनाने के लिए..
पर एक “स्त्री” अकेली ही काफी है,
घर को स्वर्ग बनाने के लिए…
महिला दिवस कि शुभकामनाएं!
WOMENS DAY WISHES HINDI
Womens Day Poem in Hindi
औरत से है यह दुनिया सारी
फिर भी यह ग़ुलामी सहती है,
औरत के लिए है जीना सजा
फिर भी वह जीए जा रही है,
औरत संसार की किस्मत है
फिर भी किस्मत की मारी है,
औरत आज भी ज़िंदा जलती है,
फिर भी कहलाती वह क़ुरबानी है,
औरत के लिए रोना खता है
फिर भी वह हर ज़ुल्म सहती है,
औरत ने जनम दिया मर्दों को
फिर भी वह कहलाती पैरों की जूती है…
जागतिक महिला दिन की शुभकामनाएं!