Log Kismat Ko Dosh Dete Hai
लोग डूबते है तो समुन्दर को दोष देते है, मंजिलें ना मिलें तो किस्मत को दोष देते है, खुद तो संभल कर चलते नहीं, जब लगती है ठोकर तो पत्थर को दोष देते है!
लोग डूबते है तो समुन्दर को दोष देते है, मंजिलें ना मिलें तो किस्मत को दोष देते है, खुद तो संभल कर चलते नहीं, जब लगती है ठोकर तो पत्थर को दोष देते है!
हम झुकते है क्योंकि हमें, रिश्ते निभाने का शौक है.. वरना गलत तो हम कल भी नहीं थे, और आज भी नहीं है…
मिली थी जिंदगी, किसी के काम आने के लिए.. पर वक्त बित रहा है, कागज के टुकड़े कमाने के लिए.. क्या करोगे इतना पैसा कमा कर..? ना कफन में ‘जेब’ है ना कब्र में ‘अलमारी’, और ये मौत के फ़रिश्ते तो, रिश्वत भी नहीं लेते…
हम ख़ुशी के विषय में सोचेंगे, तो खुश रहेंगे.. हम दुःख के विषय में सोचेंगे, तो दुखी रहेंगे..