Mai Na Rahu To Kal Yaad Aaunga

मैं तो चिराग हूँ तेरे आशियाने का, कभी ना कभी तो बुझ जाऊंगा.. आज शिकायत हैं तुझे मेरे उजाले से, कल अँधेरे में बहुत याद आऊंगा!!

Juban Sambahl Ke Rakho

‘इंसान’ एक दुकान हैं, और ‘जुबान’ उसका ताला.. ताला खुलता हैं, तभी मालुम होता हैं कि, दुकान सोने की हैं, या कोयले की…

Galti Kabul Karne Me Der Na Kare

गलती कबूल करने मे और गुनाह छोड़ने में कभी देर ना करे.. क्योंकि सफर जितना लम्बा होगा, वापसी उतनी मुश्किल हो जाएगी…

Tadpoge Tum Bhi Jitna Tadpaoge

तड़पोगे तुम भी उतना जितना तड़पाओगे, हाले दिल तमाम खुद ब खुद जान जाओगे, गर हैं कोई शिकवा मुझसे तो दूर करले, वरना एक रोज तुम बहुत पछताओगे…