मंजिल इंसान के हौसले आजमाती है,
सपनो के परदे, आँखों से हटाती है,
किसी भी बात से हिम्मत न हारना,
क्योंकि ठोकर ही इंसान को चलना सिखाती है…
मंजिल इंसान के हौसले आजमाती है,
सपनो के परदे, आँखों से हटाती है,
किसी भी बात से हिम्मत न हारना,
क्योंकि ठोकर ही इंसान को चलना सिखाती है…