असली सवाल यह है की,
भीतर तुम क्या हो?
अगर भीतर गलत हो,
तो तुम जो भी करोगे,
उससे गलत फलित होगा..
अगर तुम भीतर सही हो,
तो तुम जो भी करोगे,
वह सही फलित होगा…
असली सवाल यह है की,
भीतर तुम क्या हो?
अगर भीतर गलत हो,
तो तुम जो भी करोगे,
उससे गलत फलित होगा..
अगर तुम भीतर सही हो,
तो तुम जो भी करोगे,
वह सही फलित होगा…