आज बारिश में तुम्हारे संग नहाना है,
सपना ये मेरा कितना सुहाना है,
बारिश के कतरे जो तेरे होंठों पे गिरे,
उन कतरों को अपने होंठों से उठाना है…
आज बारिश में तुम्हारे संग नहाना है,
सपना ये मेरा कितना सुहाना है,
बारिश के कतरे जो तेरे होंठों पे गिरे,
उन कतरों को अपने होंठों से उठाना है…