Bade Hokar Kya Banoge?
लौट आता हूँ वापस घर की तरफ. हर रोज़ थका-हारा, आज तक समझ नहीं आया की जीने के लिए काम करता हूँ या काम करने के लिए जीता हूँ। बचपन में सबसे अधिक बार पूछा गया सवाल, “बङे हो कर क्या बनना है?” जवाब अब मिला, “फिर से बच्चा बनना है”
लौट आता हूँ वापस घर की तरफ. हर रोज़ थका-हारा, आज तक समझ नहीं आया की जीने के लिए काम करता हूँ या काम करने के लिए जीता हूँ। बचपन में सबसे अधिक बार पूछा गया सवाल, “बङे हो कर क्या बनना है?” जवाब अब मिला, “फिर से बच्चा बनना है”
संता और बंता ने समंदर के किनारे बोर्ड देखा जिसपे लिखा था, “डूबते को बचाने वाले को ५०० रुपयों का ईनाम” संता : मैं जम्प लगाता हूँ तुम मुझे बचाना, ईस तरह ५०० रुपये मिलेंगे… हम फिफ्टी फिफ्टी करेंगे. . यह कह कर संता ने जम्प लगा दी. बंता ख़ामोशी से देखता रहा तो संता ने चिल्ला के कहा : “मुझे तैरना नही आता तुम मुझे बचाते क्यों नहीं? बंता : तुम ने बोर्ड के नीचे नहीं पढ़ा क्या, नीचे लिखा था, “लाश निकालने वाले को २००० का ईनाम”
जो हो गया उसे सोचा नहीं करते, जो मिल गया उसे खोया नहीं करते, हासिल उन्ही को होती है मंज़िल, जो वक़्त और हालात पर रोया नहीं करते…
दोस्ती एक रिश्ता है जो निभाए वो फरिश्ता है दोस्ती सच्ची प्रीत है जुदाई जिसकी रीत है जुदा होकर भी न भूले यही दोस्ती की जीत है…