जितने अच्छे से आप दूसरों से,
दूसरों की स्त्रियों से,
दूसरों के माँ-बाप से,
दूसरों के बच्चों से बात करते है,
उतने ही अच्छे से,
यदि अपनों से बात करने लगे तो,
घर में ही स्वर्ग उतर आये!
जितने अच्छे से आप दूसरों से,
दूसरों की स्त्रियों से,
दूसरों के माँ-बाप से,
दूसरों के बच्चों से बात करते है,
उतने ही अच्छे से,
यदि अपनों से बात करने लगे तो,
घर में ही स्वर्ग उतर आये!