मंज़िल दूर और सफ़र बहुत है,
छोटे से इस दिलको फिकर बहुत है,
मार डालती कब की ये दुनिया हमे,
पर कम्बख्त आपकी मोहब्बत में असर बहुत है…
मंज़िल दूर और सफ़र बहुत है,
छोटे से इस दिलको फिकर बहुत है,
मार डालती कब की ये दुनिया हमे,
पर कम्बख्त आपकी मोहब्बत में असर बहुत है…