आज फिर किसी ने पुछा के तेरा,
हसता हुआ चेहरा उदास क्यों है?
बरसती आँखों मे प्यास क्यों है?
जिनकी नज़रों मे तु कुछ भी नही!
वही तेरे लिए इतना खास क्यों है?
आज फिर किसी ने पुछा के तेरा,
हसता हुआ चेहरा उदास क्यों है?
बरसती आँखों मे प्यास क्यों है?
जिनकी नज़रों मे तु कुछ भी नही!
वही तेरे लिए इतना खास क्यों है?