Har Haal Me Hanste Rehna
जिंदगी हर हाल मे ढलती है, जैसे रेत मुट्ठी से फिसलती है, गिले शिकवे कितने भी हो, हर हाल मे हँसते रहना, क्योंकि जिंदगी ठोकरों से ही संभलती है…
जिंदगी हर हाल मे ढलती है, जैसे रेत मुट्ठी से फिसलती है, गिले शिकवे कितने भी हो, हर हाल मे हँसते रहना, क्योंकि जिंदगी ठोकरों से ही संभलती है…