Na Jane Kya Kashish Hai Chahat Me
नजरे मिली तो प्यार हो जाता है, पलके उठी तो इजहार हो जाता है, ना जाने क्या कशिश है चाहत मे, की कोई अंजान भी हमारी जिंदगी का हकदार बन जाता है…
नजरे मिली तो प्यार हो जाता है, पलके उठी तो इजहार हो जाता है, ना जाने क्या कशिश है चाहत मे, की कोई अंजान भी हमारी जिंदगी का हकदार बन जाता है…