Fareb Tha Unki Hasi Me Aashiq Samj Baithe
फरेब था उनकी हँसी मे आशिक़ समज बैठे, मौत को हम अपनी जिंदगी समज बैठे, ये वक़्त का मजाक था या हमारी बदनसीबी, उनकी दो बातों को हम मोहब्बत समज बैठे…
फरेब था उनकी हँसी मे आशिक़ समज बैठे, मौत को हम अपनी जिंदगी समज बैठे, ये वक़्त का मजाक था या हमारी बदनसीबी, उनकी दो बातों को हम मोहब्बत समज बैठे…