Fark To Apni-Apni Soch Ka Hai
फर्क तो अपनी-अपनी सोच का है, वरना दोस्ती भी मोहब्बत से कम नहीं होती…
फर्क तो अपनी-अपनी सोच का है, वरना दोस्ती भी मोहब्बत से कम नहीं होती…
दोस्ती कभी बडी नही होती, निभानेवाला हमेशा बडा होता है…
लिखने वाले एक एहसान लिख दे, मेरे यार की तकदीर मे उसका प्यार लिख दे…