Dosti Ghazal Hai Gungunane Ke Liye
दोस्ती ग़जल है गुनगुनाने के लिए, दोस्ती नगमा है सुनाने के लिए, ये वह जज़्बा है जो सबको मिलता नही, क्योंकी दिल चाहिए इसे निभाने के लिए…
दोस्ती ग़जल है गुनगुनाने के लिए, दोस्ती नगमा है सुनाने के लिए, ये वह जज़्बा है जो सबको मिलता नही, क्योंकी दिल चाहिए इसे निभाने के लिए…
राही बदल जाते है, पर रस्ते नही बदलते, तुफान आये फिर भी मौसम नही बदलते, गिले शिकवे भले कितने हो मगर, सच्चे दोस्त नही बदलते…
खामोशी मे जो सुनोगे वो आवाज मेरी होगी, जिंदगी भर साथ रहे वो दोस्ती मेरी होगी, दुनिया की हर खुशी तुम्हारी हो, क्योंकी इन सब के पीछे दुआ मेरी होगी…
दुनिया मे जीने के बहाने हजार होते है, जो जीते है बिना दोस्ती के वह बेकार होते है, जो करते है सच्ची दोस्ती की कदर, बस वही इस दोस्ती के हकदार होते है…