Maa Kaisi Hoti Hai?
जब एक रोटी के चार टुकडे हो और खानेवाले पाँच, तब मुझे भूक नही है ऎसा कहनेवाली इंसान होती है – माँ
जब एक रोटी के चार टुकडे हो और खानेवाले पाँच, तब मुझे भूक नही है ऎसा कहनेवाली इंसान होती है – माँ
मैंने माँ के कंधे पर सर रखकर पूछा : माँ कब तक मुझे अपने कंधो पर सोने दोगी? माँ ने कहा : जब तक लोग मुझे अपने कंधो पर न उठा ले तब तक बेटा…
मंजिल दूर है और सफर बहुत है, छोटी सी जिंदगी की फिकर बहुत है, मार डालती ये दुनियाँ कब की हमे, लेकीन माँ की दुआओं मे असर बहुत है…
मुझे कोई और जन्नत का पता नही, क्योंकी हम माँ के कदमों को ही जन्नत कहते है…