Yah Garmi Ka Aalam
यह गर्मी का आलम, बस इतना समझ ले.. कपडे धोते ही सुख जाते है, और पहनते ही गीले हो जाते है…
यह गर्मी का आलम, बस इतना समझ ले.. कपडे धोते ही सुख जाते है, और पहनते ही गीले हो जाते है…
लबों पर उसके कभी बददुवा नहीं होती, बस एक माँ है जो कभी खफा नहीं होती…
यह है बलिदोनों की धरती, हर कोई करता इसे सलाम, बहती है यहाँ प्रेम की गंगा, हर दिल में बसता है भगवान… देश के संविधान की वर्षगाठ मुबारक हो!
दिल में हो तुम, दिमाग में हो तुम, सपने में हो तुम, मेरे जीवन में हो तुम, आज जिसे अप्रैल फूल बनाया, वो हो तुम, सिर्फ तुम, सिर्फ तुम! HAPPY APRIL FOOL!!