Jumma Mubarak Thought in Hindi
ए खुदा बस यही गुजारीश है तुम से, धन बरसे या ना बरसे पर, रोटी या प्यार को कोई ना तरसे…
ए खुदा बस यही गुजारीश है तुम से, धन बरसे या ना बरसे पर, रोटी या प्यार को कोई ना तरसे…
ऐ ख़ुदा मौका देना सफर-ए-मक्का का, सुना है जन्नत जैसा नजारा है वहाँ का… जुम्मा मुबारक !
काश उनको भी याद आऊ मैं जुम्मा की दुआओं में, जो अक्सर मुझसे कहते है दुआओं में याद रखना…
दुआओं में सबकी खुशिया माँग लिया करो, जो दुआ नहीं पढ़ते है उनकी भी तकदीर संवार दिया करों…