Taash Ke Patte Shayari
ताश के पत्तो से ताजमहल नहीं बनता, नदी को रोकने से समुन्दर नहीं बनता, लड़ते रहो ज़िन्दगी में हर पल, क्यों की एक जीत से कोई सिकंदर नहीं बनता…
ताश के पत्तो से ताजमहल नहीं बनता, नदी को रोकने से समुन्दर नहीं बनता, लड़ते रहो ज़िन्दगी में हर पल, क्यों की एक जीत से कोई सिकंदर नहीं बनता…