Kuch Log Door Hokar Bhi Kitne Paas Hai
पलकों मे कैद कुछ सपने है, कुछ अपने है और कुछ बेगाने, ना जाने क्या कशिश है इन खयालों मे, कुछ लोग दूर होकर भी कितने पास है…
पलकों मे कैद कुछ सपने है, कुछ अपने है और कुछ बेगाने, ना जाने क्या कशिश है इन खयालों मे, कुछ लोग दूर होकर भी कितने पास है…