Rishte Dil Se Nibhaye Jate Hai
कभी कभी “मजबूत हाथों” से पकड़ी हुई, “उंगलिया” भी छूट जाती है.. क्योंकि, “रिश्ते” ताकद से नहीं दिल से निभाये जाते है…
कभी कभी “मजबूत हाथों” से पकड़ी हुई, “उंगलिया” भी छूट जाती है.. क्योंकि, “रिश्ते” ताकद से नहीं दिल से निभाये जाते है…