Mere Dosti Ka Imtehan Ho Jaye
आप की निगाह अगर मेहरबान हो जाये, मैं जिस ज़मीन पे हूँ वो आसमान हो जाये, है अब भी आप को शक मेरे दोस्ती पर तो, फिर एक बार मेरा इम्तेहान हो जाये…
आप की निगाह अगर मेहरबान हो जाये, मैं जिस ज़मीन पे हूँ वो आसमान हो जाये, है अब भी आप को शक मेरे दोस्ती पर तो, फिर एक बार मेरा इम्तेहान हो जाये…